Devotion is not done with fear but with love

भक्ति डर से नहीं प्रेम के साथ होती है - सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

Devotion is not done with fear but with love

Devotion is not done with fear but with love - Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj

Devotion is not done with fear but with love- चंडीगढ़I आज निरंकारी सतगुरु  माता सुदीक्षा जी महाराज व निरंकारी राजापिता रमित जी की रहनुमाई में दाना मंडी फाजिल्का में विशाल निरंकारी संत समागम का आयोजन किया गया।  जिसमें पंजाब व राजस्थान के विभिन्न स्थानों के हजारों श्रद्धालुओं में सत्संग में पहुंचकर आनंद प्राप्त किया।

समागम के दौरान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने प्रवचनों में फरमाते हुए कहा कि परमात्मा  कण - कण में व्याप्त है । यह परमात्मा रूपी सच्चाई कल भी थी और आज भी है और दुनिया समाप्त होने के बाद भी अटल रहेगी। इसलिए हमें अपने मन  का नाता परमात्मा के साथ जोड़ कर रखना है। सतगुरु माता जी ने समझाया कि दुख और सुख इंसान की जिंदगी में निरंतर चलते रहते हैं। अगर हमारे मन का रिश्ता परमात्मा के साथ जुड़ा रहता है तो दुख की परिस्थिति में दुख नहीं देता और सुख में इंसान की सहज अवस्था बनी रहती है।

परमात्मा द्वारा बनाए हर इंसान का स्वभाव और आदतें भिन्न- भिन्न है। अगर किसी इंसान की कोई आदत अच्छी नहीं लगती तो उस व्यक्ति से अलग होने  व दीवारें भी इंसान द्वारा  ही खड़ी की जाती है। इंसान यह नहीं सोचता है की प्रभु परमात्मा ने सब में अलग-अलग खूबियां दी हुई है । हर एक में सभी खूबियां नहीं हो सकती और सभी में कमियां भी नहीं हो सकती। जिंदगी में हर इंसान कई बार जानते हुए और अनजाने में भी की हुई गलतियों  हो जाती हैं। जिनको स्वीकार करते हुए  उन गलतियों से शिक्षा लेते हुए निरंतर आगे बढ़ते चले जाना चाहिए। 

आखिर में आशीर्वाद देते हुए सतगुरु माता जी ने फरमाया कि प्रभु प्यार सबके हिस्से में आए और परमात्मा को दिल में बसा कर हर इंसान प्रभु के साथ रिश्ता मजबूत करता चला जाए।  आज इंसान भय में प्रभु भक्ति कर रहा है पर असल में प्रभु भक्ति डर से नहीं बलिक प्रेम के साथ की जाती है। 

इस अवसर पर सत्कार योग निरंकारी राजपिता रमित जी ने फरमाया कि पीर पैग़म्बरों की यही शिक्षा रही है कि हर सांस बहुत कीमती है ,इसलिए हर पल को प्रभु भक्ति में व्यतीत करना चाहिए । जब मन परमार्थ के मार्ग से हट जाता है तो द्वेष की भावना मन में घर कर जाती है। भक्ति का मार्ग बहुत संकीर्ण है, जिस पल भी इससे दूर  होंगे तो इस मार्ग  से डगमगा जाएंगे। परमात्मा हर जगह में है और हर इंसान में मौजूद है।  इसलिए प्रभु के बने इन इंसानों से भी बिना फर्क के प्रेम का भाव रखना है। यह अज्ञानता का ही प्रमाण है कि आज इंसान मनुष्यों को  जात मजहब के आधार पर अलग कर रहा है।  परंतु जब परमात्मा का बोध होता है तो यह बात समझ आती है कि रचनाकार की रचना एक समान है।

इस अवसर पर बठिंडा जोन के जोनल इंचार्ज एसपी दुग्गल ने श्रद्धालुओं की ओर से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और सत्कारयोग राजापिता रमित जी का यहां पहुंचने पर स्वागत एवं शुकराना किया। 

फाजिल्का ब्रांच के संयोजक सुरेंद्र पाल ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समूह स्थानक संयोजको, मुखियों, सेवादल के अधिकारियों और सदस्यों के अतिरिक्त अलग-अलग धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक और राजनीतिक संस्थाओं से आए हुए गणमान्य सज्जनों ,नगर कौंसिल फाजिल्का, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन आदि सभी का सहयोग देने व समागम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।